* मेवाड़ के इतिहास का भाग - 99
21 जून, 1576 ई.
"हल्दीघाटी का युद्ध"
"हल्दीघाटी युद्ध में जीवित बचने वाले प्रमुख योद्धा"
1) घाणेराव के ठाकुर गोपालदास राठौड़ :- उदयपुर स्थित प्रताप गौरव केन्द्र में हल्दीघाटी युद्ध में वीरगति पाने वाले योद्धाओं की सूची में इनका नाम भी लिखा गया है, जो कि सही नहीं है | दरअसल गोपालदास राठौड़ को हल्दीघाटी युद्ध में कुल 27 घाव लगे व जीवित रहे | बाद में कुम्भलगढ़ के युद्ध में भी महाराणा प्रताप के साथ रहे |
2) कुंवर शैखासिंह :- ये महाराणा प्रताप व रानी फूल कंवर राठौड़ के पुत्र थे |
3) भामाशाह कावड़िया
4) ताराचन्द कावड़िया :- ये भामाशाह के भाई थे
5) कोशीथल की महारानी :- ये हल्दीघाटी युद्ध में भाग लेने वाली एकमात्र क्षत्राणी थीं | इनके बारे में अगले भाग में लिखा जाएगा |
6) सलूम्बर रावत कृष्णदास चुण्डावत
7) रामा सांदू (चारण कवि) - इनका नाम हल्दीघाटी युद्ध में वीरगति पाने वालों में लिया जाता है, जो कि सही नहीं है | क्योंकि हल्दीघाटी युद्ध के बारे में रामा सांदू के लिखे हुए दोहे मिलते हैं | रामा सांदू धरमा सांदू के पुत्र थे |
8) गोरधन बोगस (चारण कवि) - इन्होंने बाद में कुम्भलगढ़ के युद्ध में महाराणा प्रताप का साथ दिया |
9) पानरवा के राणा पूंजा भील :- इनका नाम भी वीरगति पाने वालों में लिया जाता है, जबकि इन्होंने छापामार युद्धों में महाराणा प्रताप का भरपूर साथ दिया | राणा पूंजा का देहान्त हल्दीघाटी युद्ध के 34 वर्ष बाद हुआ |
10) मांडण कूंपावत :- इन्होंने बाद में गोगुन्दा के युद्ध में महाराणा प्रताप का साथ दिया |
11) देवगढ़ के कुंवर दूदा चुण्डावत :- ये रावत सांगा चुण्डावत के पुत्र थे |
12) जवास के रावत बाघसिंह चौहान
* इन योद्धाओं ने युद्ध में भाग तो लिया, परन्तु इनके वीरगति पाने या न पाने के विषय में सन्देह है :-
1) मानसिंह :- ये महाराणा प्रताप के भाई थे
2) बनोल के ठाकुर तेजमल राठौड़
3) शेरखान चौहान
4) सादड़ी के ठाकुर किशनदासोत कावेड़िया
5) गोपालदास मेड़तिया
6) नगा
7) संभरी नरेश संग्रामसिंह
8) वागड़ के नाथा चौहान
* अगला भाग हल्दीघाटी युद्ध का अन्तिम भाग होगा
:- तनवीर सिंह सारंगदेवोत ठि. लक्ष्मणपुरा (बाठरड़ा-मेवाड़)
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